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2022 में पेड़ों की कटाई से 66 लाख हेक्टेयर जंगल खत्म

साल 2022 में करीब 66 लाख हेक्टेयर में फैले जंगल इंसानी फितरत की भेंट चढ़ गए। यानी हर मिनट में दुनिया भर में करीब 13 हेक्टेयर में फैले जंगल काटे जा रहे हैं। इसके लिए कृषि, पशुपालन, सोया की खेती, ताड़ के तेल का उत्पादन और छोटी जोत वाली खेती प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। इनके साथ ही सड़कों का बिछता जाल, पेड़ों की व्यावसायिक रूप से हो रही कटाई भी इनको गंभीर नुकसान पहुंचा रही है।

यह खुलासा दुनिया भर के पर्यावरण संगठनों के गठबंधन द्वारा जारी नई रिपोर्ट ‘2023 फारेस्ट डिक्लेरेशन असेसमेंट : ऑफ ट्रैक एंड फॉलिंग बिहाइंड’ में हुआ है। रिपोर्ट में इस बात का मूल्यांकन किया गया है कि देश, कंपनियां और निवेशक 2030 तक वनों की कटाई को समाप्त करने और 35 करोड़ हेक्टेयर क्षतिग्रस्त भूमि की बहाली के अपने वादों को पूरा करने के लिए कितना बेहतर कर रहे हैं।

ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के 2022 के आंकड़ों से पता चला है कि आग से हर मिनट करीब 16 फुटबॉल मैदानों के बराबर जंगल स्वाहा हो रहे हैं। 2021 में वैश्विक स्तर पर करीब 93 लाख हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ गए थे। रिपोर्ट के अनुसार उष्णकटिबंधीय एशियाई देशों में बेसलाइन की तुलना में वनों की कटाई में 18 फीसदी की कमी आई है। मलेशिया और इंडोनेशिया ने 2022 के लिए तय अपने अंतरिम लक्ष्यों को हासिल कर लिया है।


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