मित्रता के लिए यह भी ध्यान देना चाहिए कि कही हमसे तो कोई कमी नहीं रह गई है यदि हमसे कोई कमी रह गई तो तुरंत ही सुधार करना जरूरी है वरना एक दिन यह एक खाई में बदल जाएगा क्योंकि दोस्ती में दरार हमेशा एक साईड से नहीं होता है बल्कि दोनो तरफ से होता है इसलिए अपना व्यवहार ऐसा रखें कि वह समान रूप से एवं सम्यक् रूप से दिखाई दें किसी को इतना भी महत्व न दें कि आप उसके बिना रह न सकें या किसी को इतना भी मत जोड़ लें कि उसे अहंकार आ जाए इसलिए सम्यक् भाव से व्यवहार करना चाहिए जिससे कि दोस्ती लंबे समय तक बनी रहे । सच्ची मित्रता के लिए खुद को स्वयं में सिद्ध करना होगा तपना भी पड़ेगा और अपनी मित्रता को बचाना भी होगा। जीवन में यह बात गांठ बांध लिजिए कि आज जो आपका मित्र. है कल निश्चित ही। आपका शत्रु होगा । यह बात औसत । लोगों में फिट होती है लेकिन कई। बार यह पंक्ति याद रखने से सर्तक होने से बचा जा सकता है कि कही। आप मित्रता के नाम पर धोखेबाजी । का शिकार तो नहीं हो रहे हैं। इसलिए भी यह पंक्ति केवल सावधान होने के लिए कही गई है क्योकि मित्रता के नाम में किसी को भी मूर्ख बना सकता है । सच्ची मित्रता में आप किसी से कोई अपेक्षा मत रखिए। क्योंकि अपेक्षा से आपको दुःख होगा। और दुःख के लिए आप स्वयं जिम्मेदार हैं । कोई और इसके लिए जिम्मेदार नहीं है सार्थक सोच । रखने से स्वयं इस बात को समझ सकते हैं इसलिए सोच समझकर ही मित्रता करें अन्यथा आपको बाद में पछताना ही होगा।
याद रखिए जीवन में निस्वार्थ भाव से मित्रता करिए और निभाइए।
-Nirjala Gupta
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