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आपदा झेल रहे तमिलनाडु के लोगों में नेताओं के खिलाफ आक्रोश, दूध-पानी को तरसे रही जनता

तमिलनाडु में चक्रवात मिचौंग की तबाही का असर अब भी जारी है। आपदा से प्रभािवत लोगों का जीवन सामान्य नहीं हो पाया है। जलभराव की वजह से लोग दूध, पानी जैसी बुनियादी चीजों को तरस रहे हैं। प्रभावित लोगों में राजनेताओं की उदासीनता को लेकर खासा आक्रोश है। उधर, वहीं, रेलवे ने राज्य में बारिश को देखते हुए शुक्रवार को दो ट्रेनें रद्द कर दीं।
चेन्नई के पट्टालम इलाके में एक स्थानीय निवासी ने काफी नाराजगी भरे स्वर में कहा, चुनाव के दौरान नेताओं को यहां वोट मांगने के लिए घुसने नहीं देंगे। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, हमने बिना पानी और दूध पिए तीन दिनों तक संघर्ष किया। वोट मांगने के लिए राजनेता यहां आते हैं। अब वे कहां गए? चूलैमेडु इलाके में लोग साफ-सफाई की मांग कर रहे हैं। पांच दिन तक जलजमाव के बाद यहां कई पेड़ गिर गए हैं और चेन्नई निगम के अधिकारियों द्वारा अभी तक इन्हें साफ करने का कोई इंतजाम नहीं किया है। चूलैमेडु निवासी आनंदन ने कहा कि सरकार की ओर से कोई भी अधिकारी हमारी समस्या देखने-जानने नहीं आया।

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