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मिट्टी की पानी सोखने की क्षमता हो सकती है कम, मौसम विज्ञान स्टेशनों में गर्म पाई गई माटी

भारत में किसी बड़े जानवर को बेहतर यूनिक आईडी कार्ड देने की यह पहली कोशिश है। इसके तहत देश में 300 हाथियों का आधार उन्हें आवंटित किया जा चुका है। इससे हाथी का संरक्षण होगा और दुरुपयोग रुकेगा। देश में पालतू और जंगली हाथियों का पुख्ता डाटाबेस तैयार हो जाएगा। इसमें उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां इसी साल अप्रैल में ही पालतू हाथियों को शत प्रतिशत आधार समेत विशेष माइक्रोचिप से लैस किया गया है, ताकि इस शर्मीले पशु की पहचान के साथ उसका दुरुपयोग न हो सके।
नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित हेल्महोल्ट्ज सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल रिसर्च (यूएफजेड) में बताया गया है कि न केवल मिट्टी और हवा का तापमान अलग अलग हो सकता है, बल्कि हवा की अपेक्षा जलवायु परिवर्तन का मिट्टी में गर्मी की तीव्रता और आवृत्ति पर कहीं अधिक प्रभाव पड़ता है। शोधकर्ताओं की टीम की अगुवाई यूएफजेड रिमोट सेंसिंग वैज्ञानिक डॉ. अल्मुडेना गार्सिया ने की है। आंकड़े मौसम स्टेशनों और रिमोट सेंसिंग उपग्रहों के साथ ईआरए5  रीएनालिसिस सेट से लिए गए। जबकि सिमुलेशन के आंकड़े पृथ्वी प्रणाली मॉडल से लिए गए।

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